White वे सब करते रहे बहस।
कि कैसे दूर होगा तमस।।
दृष्टिकोण था सबका अलग अलग।
पर कोई लगता नहीं था इतना सजग।।
कोई दक्षिण का अनुरागी, कोई वाम।
हर चर्चा में, इनके आ जाते राम।।
सबकी थी अपनी अपनी ध्वजा।
चाहे हरकोई लेना सत्ता सुःख का मजा ।।
तमस की चर्चा में व्यर्थ बीता समय।
इसी बीच रवि का नभ पर हुआ उदय ।।
©Kamlesh Kandpal
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