ऐ जिन्दगी मेरे जाने के बाद तू कितना रोयेगी ।
कफन की चादर ओढ़े जमी के बिछौने पर सोयेगी ॥
कभी आकर हाल ना पूछा तुने कैसी बीती जिन्दगी ।
मेरी चाहत मै आंखो को अश्कों से पल पल भिगोयेगी '
ऐ जिन्दगी मेरे जाने के बाद तू कितना रोयेगी ॥
जिन्दगी तूने वफा तो नही की उम्र भर मुझ से ।
कौन चाहने वाला ये कहेगा उठ कब तक सोयेगी '
ऐ जिन्दगी मेरे जाने के बाद तू कितना रोयेगी ॥
चार कंधों पर सवार दुल्हन सी सज कर निकल जायेगी
इत्र की खुशबु से खुब संवर कर घरी तू रह जायेगी '
ऐ जिन्दगी मेरे जाने के बाद तू कितना रोयेगी i
©Shakuntala Sharma
#Drown हे जिन्दगी तू कितना सोयेगी ।