White ना तु मेरा जीवनसाथी
ना में तेरी संगिनी हूं
फिर क्यों मुझ को ये लगता है
तु दिया में बाती हूं ।
ना तु मेरा साजन सलोना
ना में तेरी सजनी हूं
फिर क्यों मुझको ये लगता है
तु अंबर में धरती हूं।।
ना तु कोई बड़ा समुंदर
ना में बहती नदियां हूं
फिर क्यों मुझको ये लगता है
तु बादल में बिजली हूं
ना सूरज तू नील गगन का
ना सूरज की में रोशनी हूं
फिर भी मुझको क्यों लगता है
की तू चांद में चकोरी हूं।।
©KASTURI
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