Alone मुकम्मल नाम कमाना है
थोड़ा नहीं पूरा पाना है
मुंतज़िर राह देखें है कब
अपना वक़्त भी आना है
डगर ख़ुद ही बुला लेती है
जहाँ लिखा हमारा दाना है
मुझसे ये आईने ना छीनो
इनसे मैंने घर बनाना है
दिल बीमार इक अरसे से
सुना तुम्हारा दवाख़ाना है
लोग नोट के पीछे पीछे भागे
मुझे तो लोगो को कमाना है
इन रिवायतों से आगे बढ़ो
ये तो अब बीता ज़माना है
Puneet
#alone