White रचना दिनांक। 20,जनवरी। 2025 वार। सोमवार | हिंदी मोटिवेशनल

"White रचना दिनांक। 20,जनवरी। 2025 वार। सोमवार समय सुबह। पांच बजे ््भावचित्र ्् ््निज विचार ्् ्भावचित्र ् ्निज विचार ् ्शीर्षक ् ्अध्यात्मिक रोग अक्षय प्राण उपचार है ् पंचतत्व ही में प्राण वायु है, यंत्र मंत्र तंत्र ही आनंद का सार है।1। ध्वनि,स्वर,शिरा में परब़ंम्ह है, काया माया मोह ््मद का, सकल जगत का प्रमाण है। 2। ईश प्राप्ति हेतु सेतुबंध में, केतु ,राहू , नक्षत्र , काल घटी, पल,क्षण में परिवर्तित हो जाता है ,, दोष कालसर्प योग साधना में जप करें, शुभप्रद परिणाम प्राप्त होते मृत्यु भयनाश है।3। अकाल मृत्यु सम निदान है ,, शिव सोमनाथ रोग अक्षय उपचार है।4। भस्म धारण हदयतंत्र में, मुंख, ललाट पर, शोभित तिलकं शिव अर्चन मंत्र सोमनाथ है।5। आनंद भोग अन्नपूरणेश्वरी देवीभ्यो नमः, पेट रोग अक्षय उपचार है।6। जल,भस्म, वनस्पति में, आयुर्वेद विज्ञान है ज्ञान का, दर्शन योगाभ्यास से हररोग का उपचार है।7। सरल, सहज ,महज़ ,प्रेम रस , आनंद सार है,, जीव दया मानव धर्म है समभाव निष्ठ है।8। विचार ऐकत्व एकमेव निर्राकार है, शिव अर्चन मंत्र सोमनाथ ही, आनंद कंद मूल फल प्राणतत्व है।9। ्कवि शैलेंद्र आनंद ् 20। जनवरी। 2025 ©Shailendra Anand"

 White रचना दिनांक। 20,जनवरी। 2025
वार।    सोमवार 
समय   सुबह।   पांच  बजे  
््भावचित्र ््
््निज विचार ््        ्भावचित्र ्
            ्निज विचार ्
           ्शीर्षक ्
        ्अध्यात्मिक रोग अक्षय प्राण उपचार है ्
पंचतत्व ही में प्राण वायु है, 
यंत्र मंत्र तंत्र ही आनंद का सार है।1।
ध्वनि,स्वर,शिरा में परब़ंम्ह है,
काया माया मोह ््मद का,
सकल जगत का प्रमाण है। 2।
ईश प्राप्ति हेतु सेतुबंध में,
 केतु ,राहू , नक्षत्र , काल  घटी,
पल,क्षण में परिवर्तित हो जाता है ,,
दोष कालसर्प योग साधना में जप करें,
शुभप्रद परिणाम प्राप्त होते मृत्यु भयनाश  है।3।
अकाल मृत्यु सम निदान है ,,
शिव सोमनाथ रोग अक्षय उपचार है।4।
भस्म धारण हदयतंत्र में,
मुंख, ललाट पर, शोभित तिलकं
शिव अर्चन मंत्र सोमनाथ है।5।
आनंद भोग अन्नपूरणेश्वरी देवीभ्यो नमः,
 पेट रोग अक्षय उपचार है।6।
जल,भस्म, वनस्पति में,
आयुर्वेद विज्ञान है ज्ञान का,
दर्शन योगाभ्यास से हररोग का उपचार है।7।
सरल, सहज ,महज़ ,प्रेम रस , आनंद सार है,,
जीव दया मानव धर्म है समभाव निष्ठ है।8।
विचार ऐकत्व एकमेव निर्राकार है,
शिव अर्चन मंत्र सोमनाथ ही,
आनंद कंद मूल फल प्राणतत्व है।9।
           ्कवि शैलेंद्र आनंद ्
20। जनवरी। 2025

©Shailendra Anand

White रचना दिनांक। 20,जनवरी। 2025 वार। सोमवार समय सुबह। पांच बजे ््भावचित्र ्् ््निज विचार ्् ्भावचित्र ् ्निज विचार ् ्शीर्षक ् ्अध्यात्मिक रोग अक्षय प्राण उपचार है ् पंचतत्व ही में प्राण वायु है, यंत्र मंत्र तंत्र ही आनंद का सार है।1। ध्वनि,स्वर,शिरा में परब़ंम्ह है, काया माया मोह ््मद का, सकल जगत का प्रमाण है। 2। ईश प्राप्ति हेतु सेतुबंध में, केतु ,राहू , नक्षत्र , काल घटी, पल,क्षण में परिवर्तित हो जाता है ,, दोष कालसर्प योग साधना में जप करें, शुभप्रद परिणाम प्राप्त होते मृत्यु भयनाश है।3। अकाल मृत्यु सम निदान है ,, शिव सोमनाथ रोग अक्षय उपचार है।4। भस्म धारण हदयतंत्र में, मुंख, ललाट पर, शोभित तिलकं शिव अर्चन मंत्र सोमनाथ है।5। आनंद भोग अन्नपूरणेश्वरी देवीभ्यो नमः, पेट रोग अक्षय उपचार है।6। जल,भस्म, वनस्पति में, आयुर्वेद विज्ञान है ज्ञान का, दर्शन योगाभ्यास से हररोग का उपचार है।7। सरल, सहज ,महज़ ,प्रेम रस , आनंद सार है,, जीव दया मानव धर्म है समभाव निष्ठ है।8। विचार ऐकत्व एकमेव निर्राकार है, शिव अर्चन मंत्र सोमनाथ ही, आनंद कंद मूल फल प्राणतत्व है।9। ्कवि शैलेंद्र आनंद ् 20। जनवरी। 2025 ©Shailendra Anand

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कवि शैलेंद्र आनंद

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