सुने जाते न थे तुम से मिरे दिन रात के शिकवे , कफ़ | हिंदी Shayari

"सुने जाते न थे तुम से मिरे दिन रात के शिकवे , कफ़न सरकाओ मेरी बे-ज़बानी देखते जाओ ।। ©S.RaiComefromheart"

 सुने जाते न थे तुम से मिरे दिन रात के शिकवे ,

कफ़न सरकाओ मेरी बे-ज़बानी देखते जाओ ।।

©S.RaiComefromheart

सुने जाते न थे तुम से मिरे दिन रात के शिकवे , कफ़न सरकाओ मेरी बे-ज़बानी देखते जाओ ।। ©S.RaiComefromheart

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