कभी सपनों से रिझाए, कभी आईना दिखलाए, जीवन तो बस चल | हिंदी Life

"कभी सपनों से रिझाए, कभी आईना दिखलाए, जीवन तो बस चलता ही जाए। प्यासे को बूंद पानी ना मिल पाए, तृप्ति से आंगन किसी का महकाए, जीवन तो बस चलता ही जाए। एक आस थी, वहां जीने की प्यास थी सदा। लम्हे में कहीं सांसे थम जाए, कहीं लम्हा-लम्हा इनायत बन जाए, जीवन तो फिर भी चलता ही जाए। -साक्षी ©Sakshi "

 कभी सपनों से रिझाए, कभी आईना दिखलाए,
जीवन तो बस चलता ही जाए।


प्यासे को बूंद पानी ना मिल पाए,
तृप्ति से आंगन किसी का महकाए,
जीवन तो बस चलता ही जाए।


एक आस थी, वहां जीने की प्यास थी सदा।
लम्हे में कहीं सांसे थम जाए,
कहीं लम्हा-लम्हा इनायत बन जाए,
जीवन तो फिर भी चलता ही जाए।

-साक्षी

©Sakshi

कभी सपनों से रिझाए, कभी आईना दिखलाए, जीवन तो बस चलता ही जाए। प्यासे को बूंद पानी ना मिल पाए, तृप्ति से आंगन किसी का महकाए, जीवन तो बस चलता ही जाए। एक आस थी, वहां जीने की प्यास थी सदा। लम्हे में कहीं सांसे थम जाए, कहीं लम्हा-लम्हा इनायत बन जाए, जीवन तो फिर भी चलता ही जाए। -साक्षी ©Sakshi

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