संस्कृति अपनी ठगती है। अच्छी दूजी लगती है।।१ सीख च | हिंदी Poetry

"संस्कृति अपनी ठगती है। अच्छी दूजी लगती है।।१ सीख चुके हैं खुदगर्जी। सब बन पूरे अंग्रेज़ी।।२ अपनी ना मिट्टी भाए। देशी कपड़ा लज्जाए।।३ बन विदेशी यहाँ रहना। वसन विदेशी सम गहना।।४ ©Bharat Bhushan pathak"

 संस्कृति अपनी ठगती है।
अच्छी दूजी लगती है।।१
सीख चुके हैं खुदगर्जी।
सब बन पूरे अंग्रेज़ी।।२
अपनी ना मिट्टी भाए।
देशी कपड़ा लज्जाए।।३
बन विदेशी यहाँ रहना।
वसन विदेशी सम गहना।।४

©Bharat Bhushan pathak

संस्कृति अपनी ठगती है। अच्छी दूजी लगती है।।१ सीख चुके हैं खुदगर्जी। सब बन पूरे अंग्रेज़ी।।२ अपनी ना मिट्टी भाए। देशी कपड़ा लज्जाए।।३ बन विदेशी यहाँ रहना। वसन विदेशी सम गहना।।४ ©Bharat Bhushan pathak

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#आँसू_छंद

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