White ऐसे समझो प्रिए....
जब भी कोई गाड़ी बनती है, तो उसको सही प्रकार से चलाने के लिए एक पत्रिका बनती है जिसमें उस गाड़ी को चलाने के लिए सम्पूर्ण विवरण होता है....
और यह केवल एक गाड़ी ही नही वरन सभी उपयोगी वस्तुओ का विवरण उसके पत्रिका मे होता है.....
ठीक उसी प्रकार जीवन की भी एक पत्रिका होती है,
जिसमे सब निहित है कि किस प्रकार मनुष्य को क्या करना है ,और कब करना है.....
लेकिन मनुष्य की तो आदत है पत्रिका "न" पढ़ने की और जब फसते है तो पत्रिका ढूंढते है....
अर्थात.
पत्रिका पढ़ो क्योंकि उपकरण आप बनाए नही, लेकिन जिसने उपकरण बनाया उपयोग करने का विवरण भी दिया जो पत्रिका मे है ,ठीक उसी प्रकार जन्म तो स्वयं हुआ नही लेकिन क्या ,कब करना है ,पत्रिका मे है .....
अगर यदि पत्रिका का प्रयोग नही करोगे तो थोड़े दुर चलने के बाद गैराज मे ही मिलोगे....
©AJR@GHUVANSHI
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