पंख और आसमाँ मेरी हौसलों की उड़ान, आसमाँ छूना चाहती | हिंदी Life
"पंख और आसमाँ मेरी हौसलों की उड़ान,
आसमाँ छूना चाहती थी।
उड़ते-उड़ते पंख थक से गये,
लेकिन,नीला आसमाँ न छू सका।
मेरी उम्र अभी कच्ची थी,
उम्मीद न थी उड़ने की।
आखिर हौसलों की उड़ान ने,
उड़ना तो सीखा दिया।।
#spmydream"
पंख और आसमाँ मेरी हौसलों की उड़ान,
आसमाँ छूना चाहती थी।
उड़ते-उड़ते पंख थक से गये,
लेकिन,नीला आसमाँ न छू सका।
मेरी उम्र अभी कच्ची थी,
उम्मीद न थी उड़ने की।
आखिर हौसलों की उड़ान ने,
उड़ना तो सीखा दिया।।
#spmydream