क्या याद है तुम्हें वो शाम
जब भेजा था मैंने इक पैगाम
पूछा था जिसमें... तुम आओगे ना
दो शहरों की ये जो दूरियां हैं बीच हमारे
इन्हें तुम मिटा पाओगे ना
लेकिन तुम्हारी तरफ से
एक ही जवाब आया
जिसमें तुमने केवल एक शब्द "ना"
बार बार दोहराया
ऐसा धोखा मिला उस शाम
जिसने हमारे रिश्ते को ही
लगा दिया था पूर्णविराम
©Kavita Vijaywargiya
# वो शाम