जो यशोदा का लाल है
देवकी का गोपाल है
वो राधा का गुलाल है
वो द्रोपती की ढाल है
वो कंस का काल है।
हर मनुष्य
का सवाल है।
वो प्रेम का ही ख्याल है
मीरा की भक्ति का वो ताल है
वो अर्जुन का सारथी है
जो गीता का चरितार्थ है
कण कण में सिर्फ कृष्ण है
हर मन मेरे कृष्ण है
©amit bhatt
मेरे कृष्ण