अष्ट भुजाओं वाली माँ, नव स्वरूपों वाली माँ, भक्तों

"अष्ट भुजाओं वाली माँ, नव स्वरूपों वाली माँ, भक्तों का संरक्षण करने वाली, शत्रुओं का दमन करने वाली धरा से दुष्टों का संघार करो न्याय,सत्य,का आधार बनों। दृष्टिपात करो दुष्टों की जिव्हा पर जहर उगलते कड़वे वचनों पर। करते हैं जो अपमान तुम्हारा मिटा दो उनका सर्वस्व सहारा। अपने होने का अहसास कराओ दिव्य दृष्टि का दीप हर दिल में जलाओ।। ©Dr jyotsna singh Rajawat"

 अष्ट भुजाओं वाली माँ,
नव स्वरूपों वाली माँ,
भक्तों का संरक्षण करने वाली,
शत्रुओं का दमन करने वाली
धरा से दुष्टों का संघार करो
न्याय,सत्य,का आधार बनों।
दृष्टिपात करो दुष्टों की जिव्हा पर
जहर उगलते कड़वे वचनों पर।
करते हैं जो अपमान तुम्हारा
मिटा दो उनका सर्वस्व सहारा।
अपने होने का अहसास कराओ
दिव्य दृष्टि का दीप हर दिल में जलाओ।।

©Dr jyotsna singh Rajawat

अष्ट भुजाओं वाली माँ, नव स्वरूपों वाली माँ, भक्तों का संरक्षण करने वाली, शत्रुओं का दमन करने वाली धरा से दुष्टों का संघार करो न्याय,सत्य,का आधार बनों। दृष्टिपात करो दुष्टों की जिव्हा पर जहर उगलते कड़वे वचनों पर। करते हैं जो अपमान तुम्हारा मिटा दो उनका सर्वस्व सहारा। अपने होने का अहसास कराओ दिव्य दृष्टि का दीप हर दिल में जलाओ।। ©Dr jyotsna singh Rajawat

#navaratri

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