कभी इतने समझदार मत बन ना की मासूमियत, बेवकूफी लगन | हिंदी मोटिवेशनल

"कभी इतने समझदार मत बन ना की मासूमियत, बेवकूफी लगने लगे मत बन ना इतने कठोर के कोमल भावनाए दब जाए,तुम्हारे दंभ के आगे कभी इतने मतलबी मत बन ना के निस्वार्थ प्रेम की भाषा,समझ ना पाओ तुम इतने काबिल मत बन ना के सब लोग बेकार लगने लग जाए तुम्हे,इतने ऊपर मत उठना की सब छोटे लगने लगे तुम्हें,इतने विद्वान भी मत होना की, मौन प्रेम ना समझ पाओ ऐसे चतुर नहीं बन ना की सहज प्राप्त हुआ प्रेम दिखावा लगे तुम्हें मत जाना इतना दूर के वापसी के रास्ते भूल जाओ तुम ये दुनिया हैं, यहां सौ छलावे रोज़ मिलेंगे तुमको कुछ सबब कुछ सबक भी मिलेंगे यादें संजो लेना पर किसी के अंतस में कड़वी स्मृति मत बन ना कभी मत बन ना जो वो चाहते हैं,बन जाओ तुम अपने हृदय की स्वीकृती से वो बन ना जो संतोष दे तुम्हे ये सच हैं,बातों से दुनिया नहीं चलती खामोशी से मगर ज़िंदगी भी नहीं चल सकती समझ ना ये भी दस्तकें करना उन दरों पर,जहां सुकून मिलता हो तुम्हे यू ही हाल पूछ बैठना अपना बताना भी ये तुम्हे छोटा नहीं करेगा कभी तुम्हारा मूल्य और भी बढ़ जाएगा किसी का भाव समझ पाना या फ़िर उस के प्रति भावना का होना तुम्हे एक समृद्ध मनुष्य बनाता है और जीवन का ध्येय समृद्धता ही तो हैं हम ने बस समृद्ध होने को शक्ति और ऐश्वर्य तक परिभाषित कर दिया हैं यही हमारे मानवीय गुणों की पराजय हैं तो तुम कभी खुद को हारने मत देना जिदंगी जितनी भी कठोर हो अपने कोमल हृदय को किसी को मारने तो मत देना स्मृतियों के संग आगे बढ़ना,अपेक्षाएं मत रखना,अपितु प्रेम मत छोड़ना,प्रेम सत्य है,प्रेम पवित्र हैं प्रेम की परिकल्पना ईश्वरीय हैं दिव्य है,जो हृदय निस्वार्थ प्रेम कर सकता हो ईश्वर निवास करते है उस में बस इसी संतोष के साथ,जीवन में आगे बढ़ जाना... ©ashita pandey बेबाक़"

 कभी इतने समझदार मत बन ना की 
मासूमियत, बेवकूफी लगने लगे
मत बन ना इतने कठोर
के कोमल भावनाए दब जाए,तुम्हारे दंभ के आगे
कभी इतने मतलबी मत बन ना 
के निस्वार्थ प्रेम की भाषा,समझ ना पाओ तुम
इतने काबिल मत बन ना के सब लोग 
बेकार लगने लग जाए तुम्हे,इतने ऊपर मत उठना की 
सब छोटे लगने लगे तुम्हें,इतने विद्वान भी मत होना 
की, मौन प्रेम ना समझ पाओ
ऐसे चतुर नहीं बन ना की
सहज प्राप्त हुआ प्रेम दिखावा लगे तुम्हें 
मत जाना इतना दूर के 
वापसी के रास्ते भूल जाओ तुम
ये दुनिया हैं, यहां सौ छलावे रोज़ मिलेंगे तुमको
कुछ सबब कुछ सबक भी मिलेंगे 
यादें संजो लेना पर किसी के अंतस में 
कड़वी स्मृति मत बन ना कभी
मत बन ना जो वो चाहते हैं,बन जाओ तुम
अपने हृदय की स्वीकृती से 
वो बन ना जो संतोष दे तुम्हे 
ये सच हैं,बातों से दुनिया नहीं चलती
खामोशी से मगर ज़िंदगी भी नहीं चल सकती समझ ना ये भी
दस्तकें करना उन दरों पर,जहां सुकून मिलता हो तुम्हे
यू ही हाल पूछ बैठना अपना बताना भी
ये तुम्हे छोटा नहीं करेगा कभी
तुम्हारा मूल्य और भी बढ़ जाएगा 
किसी का भाव समझ पाना या फ़िर 
उस के प्रति भावना का होना
तुम्हे एक समृद्ध मनुष्य बनाता है 
और जीवन का ध्येय समृद्धता ही तो हैं 
हम ने बस समृद्ध होने को शक्ति और ऐश्वर्य तक परिभाषित कर दिया हैं 
यही हमारे मानवीय गुणों की पराजय हैं 
तो तुम कभी खुद को हारने मत देना
जिदंगी जितनी भी कठोर हो
अपने कोमल हृदय को किसी को
मारने तो मत देना
स्मृतियों के संग आगे बढ़ना,अपेक्षाएं मत रखना,अपितु
प्रेम मत छोड़ना,प्रेम सत्य है,प्रेम पवित्र हैं 
प्रेम की परिकल्पना ईश्वरीय हैं 
दिव्य है,जो हृदय निस्वार्थ प्रेम कर सकता हो
ईश्वर निवास करते है उस में
बस इसी संतोष के साथ,जीवन में आगे बढ़ जाना...

©ashita pandey  बेबाक़

कभी इतने समझदार मत बन ना की मासूमियत, बेवकूफी लगने लगे मत बन ना इतने कठोर के कोमल भावनाए दब जाए,तुम्हारे दंभ के आगे कभी इतने मतलबी मत बन ना के निस्वार्थ प्रेम की भाषा,समझ ना पाओ तुम इतने काबिल मत बन ना के सब लोग बेकार लगने लग जाए तुम्हे,इतने ऊपर मत उठना की सब छोटे लगने लगे तुम्हें,इतने विद्वान भी मत होना की, मौन प्रेम ना समझ पाओ ऐसे चतुर नहीं बन ना की सहज प्राप्त हुआ प्रेम दिखावा लगे तुम्हें मत जाना इतना दूर के वापसी के रास्ते भूल जाओ तुम ये दुनिया हैं, यहां सौ छलावे रोज़ मिलेंगे तुमको कुछ सबब कुछ सबक भी मिलेंगे यादें संजो लेना पर किसी के अंतस में कड़वी स्मृति मत बन ना कभी मत बन ना जो वो चाहते हैं,बन जाओ तुम अपने हृदय की स्वीकृती से वो बन ना जो संतोष दे तुम्हे ये सच हैं,बातों से दुनिया नहीं चलती खामोशी से मगर ज़िंदगी भी नहीं चल सकती समझ ना ये भी दस्तकें करना उन दरों पर,जहां सुकून मिलता हो तुम्हे यू ही हाल पूछ बैठना अपना बताना भी ये तुम्हे छोटा नहीं करेगा कभी तुम्हारा मूल्य और भी बढ़ जाएगा किसी का भाव समझ पाना या फ़िर उस के प्रति भावना का होना तुम्हे एक समृद्ध मनुष्य बनाता है और जीवन का ध्येय समृद्धता ही तो हैं हम ने बस समृद्ध होने को शक्ति और ऐश्वर्य तक परिभाषित कर दिया हैं यही हमारे मानवीय गुणों की पराजय हैं तो तुम कभी खुद को हारने मत देना जिदंगी जितनी भी कठोर हो अपने कोमल हृदय को किसी को मारने तो मत देना स्मृतियों के संग आगे बढ़ना,अपेक्षाएं मत रखना,अपितु प्रेम मत छोड़ना,प्रेम सत्य है,प्रेम पवित्र हैं प्रेम की परिकल्पना ईश्वरीय हैं दिव्य है,जो हृदय निस्वार्थ प्रेम कर सकता हो ईश्वर निवास करते है उस में बस इसी संतोष के साथ,जीवन में आगे बढ़ जाना... ©ashita pandey बेबाक़

#sad_quotes लव कुश कांड शायरी लव खतरनाक लव स्टोरी शायरी मोटिवेशनल कविता इन हिंदी शायरी मोटिवेशनल

People who shared love close

More like this

Trending Topic