White - कुण्डलिया -
भारी पड़ जाती कभी, सिर्फ़ एक ही भूल।
जो करती इंसान की, इज़्ज़त नष्ट समूल।।
इज़्ज़त नष्ट समूल, व्यक्ति वह खुद करवाता।
जो खुद को सिरमौर, मान जिद पर अड़ जाता।
खाते जिद्दी लोग, हमेशा मात करारी।
कोई-कोई भूल, गुणों पर पड़ती भारी।।
- हरिओम श्रीवास्तव -
©Hariom Shrivastava
#good_night हिंदी कविता