Unsplash कतर ब्योंत बारीकियों में अब मन नहीं लगता, | हिंदी शायरी

"Unsplash कतर ब्योंत बारीकियों में अब मन नहीं लगता, अस्त-व्यस्त सारे एक भी सुखन नहीं लगता ! कि सरपरस्त न रहे हमको सँवारने वाले.... अब तो कमीज का टूटा बटन भी नहीं लगता !!:) #हल्के_कलम ©RAVINANDAN Tiwari"

 Unsplash कतर ब्योंत बारीकियों में अब मन नहीं लगता,
अस्त-व्यस्त सारे एक भी सुखन नहीं लगता !
कि सरपरस्त न रहे हमको सँवारने वाले....
अब तो कमीज का टूटा बटन भी नहीं लगता !!:)
#हल्के_कलम

©RAVINANDAN Tiwari

Unsplash कतर ब्योंत बारीकियों में अब मन नहीं लगता, अस्त-व्यस्त सारे एक भी सुखन नहीं लगता ! कि सरपरस्त न रहे हमको सँवारने वाले.... अब तो कमीज का टूटा बटन भी नहीं लगता !!:) #हल्के_कलम ©RAVINANDAN Tiwari

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#हल्के_कलम

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