Happy Rath Yatra
अभी अँधेरा छँटा नही है
कोई भी दीपक जला नही है
हुआ है ज़र -ज़र ये तन भले ही
ज़ुनून लेकिन मरा नही है
वो प्यार ,ममता ,भरोसा ,आदर
दिलों में बाकी बचा नही है
कहा बहुत कुछ नज़र ने मेरी
तेरे ही दिल ने सुना नही है
उखङ गया है जङों से अपनी
जो ज़िन्दगी भर झुका नही है
सुलग रहे हैं शरारे कैसे
कहीं पे कोई हवा नही है
क्या फायदा है करीब आकर
अगर दिलो में वफ़ा नही है
यूं कोशिशें तो बहुत सी की थी
तू "दर्द"दिल से मिटा नही है
मनोज दर्द मुगाँवली म प्र
स्वारचित
#RathYatra2021