बहुत दिनों के बाद, आज तितली आयी है। नभमण्डल में न | हिंदी कविता

"बहुत दिनों के बाद, आज तितली आयी है। नभमण्डल में नवकिसलय भी गर्माई है।। सुखकर रवि तेजों में, तितिली नहा रही है। धूप सेंक लो फूलों सँग गुन गुना रही है।। कवि,प्रचण्ड,के आँखोंमें यह जीवन दानी। अजब कहानी दे जाती है तितली रानी।। umakant Tiwari Prachand, ©उमाकान्त तिवारी "प्रचण्ड""

 बहुत दिनों के बाद,
 आज तितली आयी है।
नभमण्डल में नवकिसलय
भी गर्माई है।।
सुखकर रवि तेजों में,
तितिली नहा रही है।
धूप सेंक लो फूलों सँग
गुन गुना रही है।।
कवि,प्रचण्ड,के आँखोंमें
यह जीवन दानी।
अजब कहानी दे जाती है
तितली रानी।।
umakant Tiwari Prachand,

©उमाकान्त तिवारी "प्रचण्ड"

बहुत दिनों के बाद, आज तितली आयी है। नभमण्डल में नवकिसलय भी गर्माई है।। सुखकर रवि तेजों में, तितिली नहा रही है। धूप सेंक लो फूलों सँग गुन गुना रही है।। कवि,प्रचण्ड,के आँखोंमें यह जीवन दानी। अजब कहानी दे जाती है तितली रानी।। umakant Tiwari Prachand, ©उमाकान्त तिवारी "प्रचण्ड"

बचपन ।

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