Unsplash अबे सुन बे गुलाब भूल मत जो पाई ख़ुशबू रं | हिंदी कविता

"Unsplash अबे सुन बे गुलाब भूल मत जो पाई ख़ुशबू रंगो आब। खून चूसा खाद का तूने अशिष्ट। डाल पर इतरा रहा है कैपेटलिस्ट।। सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' ©Neha Yadav"

 Unsplash अबे सुन बे गुलाब 
भूल मत जो पाई ख़ुशबू रंगो आब।
खून चूसा खाद का तूने अशिष्ट।
डाल पर इतरा रहा है कैपेटलिस्ट।।

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

©Neha Yadav

Unsplash अबे सुन बे गुलाब भूल मत जो पाई ख़ुशबू रंगो आब। खून चूसा खाद का तूने अशिष्ट। डाल पर इतरा रहा है कैपेटलिस्ट।। सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' ©Neha Yadav

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