*दिवाना खाटूश्याम का*
मैं हो गया हूँ दिवाना खाटूश्याम का
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का
दर्शन के बिना एक पल भी चैन नहीं है
बिना श्याम पुकारे कटती रैन नहीं है
कान्हा के सिवा कोई न मेरे काम का
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का
भटक रहा हूं दर दर दिखे नहीं कन्हाई
कोई पता बता दो दे रहा हूं दुहाई
कहांँ मिलेगा घर मनमोहन घनश्याम का
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का
चलते चलते पैरों से रक्त लगा बहनें
मिल के रहूंगा चाहे अद्याय पड़ें सहनें
नहीं भय है मुझको अब किसी भी परिणाम का
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का
सुना वृन्दावन रहते हैं मेरे कृपालू
सब पर दया करते हैं मधुसूदन दयालू
मैं हो गया पुजारी कान्हा के नाम का
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का
कृष्ण के दरबार में अर्जी हमें लगानी
दया के सागर को व्यथा अपनी सुनानी
समाधान मिल जाएगा उलझन तमाम का
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का
हमको मनमोहन की सेवा में रहना है
वृन्दावन रहकर राधे- राधे कहना है
कौन ग्राम पड़ेगा मेरे श्री सुखधाम का
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का
- स्वरचित मौलिक रचना-राम जी तिवारी"राम"
उन्नाव (उत्तर प्रदेश)
©Ramji Tiwari
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