और कितनी दफ़ा यूँ शाख़ से टूटते पत्ते देखूँ कहते

"और कितनी दफ़ा यूँ शाख़ से टूटते पत्ते देखूँ कहते सुना था इंतजार का फल मीठा होता है!!!"

 और कितनी दफ़ा यूँ शाख़ से टूटते पत्ते देखूँ
कहते सुना था इंतजार का फल मीठा होता है!!!

और कितनी दफ़ा यूँ शाख़ से टूटते पत्ते देखूँ कहते सुना था इंतजार का फल मीठा होता है!!!

#jubinnautiyal

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