White मेरी माँ मेरी यादों के चिलमन में आज भी मेर | हिंदी कविता

"White मेरी माँ मेरी यादों के चिलमन में आज भी मेरी माँ है, मुझमें ज़िंदा हर पहलू में शामिल मेरी माँ है। रातभर चाँद से गुफ़्तगू करती रोज़, ये मेरी आंखें अब भी रोशन मेरी आंखों में रहती, मेरी माँ है। ढूँढ़ता हूँ उसे मै फ़ज़ा के रास्तों पर हर नई सुबह का पहली तारीख, मेरी माँ है। मेरे कतरे कतरे देते झलकी उसके इल्म की, मेरी घर के हर कोने में दिखती, मेरी माँ है। छोड़ ग़ई है दूर मुझे गुमनाम सी मंजिल पर पर आज भी उसकी आहट कहती,मेरी माँ है। राजीव । ©samandar Speaks"

 White मेरी माँ 

मेरी यादों के चिलमन में आज भी मेरी माँ है,
मुझमें ज़िंदा हर पहलू में शामिल मेरी माँ है।

रातभर चाँद से गुफ़्तगू करती रोज़, ये मेरी आंखें 
अब भी रोशन मेरी आंखों में रहती, मेरी माँ है।

ढूँढ़ता हूँ उसे मै फ़ज़ा के रास्तों पर 
हर नई सुबह का पहली तारीख, मेरी माँ है।

मेरे कतरे कतरे देते झलकी उसके इल्म की,
मेरी घर के हर कोने में दिखती, मेरी माँ है।

छोड़ ग़ई है दूर मुझे गुमनाम सी मंजिल पर 
पर आज भी उसकी आहट कहती,मेरी माँ है।
राजीव ।

©samandar Speaks

White मेरी माँ मेरी यादों के चिलमन में आज भी मेरी माँ है, मुझमें ज़िंदा हर पहलू में शामिल मेरी माँ है। रातभर चाँद से गुफ़्तगू करती रोज़, ये मेरी आंखें अब भी रोशन मेरी आंखों में रहती, मेरी माँ है। ढूँढ़ता हूँ उसे मै फ़ज़ा के रास्तों पर हर नई सुबह का पहली तारीख, मेरी माँ है। मेरे कतरे कतरे देते झलकी उसके इल्म की, मेरी घर के हर कोने में दिखती, मेरी माँ है। छोड़ ग़ई है दूर मुझे गुमनाम सी मंजिल पर पर आज भी उसकी आहट कहती,मेरी माँ है। राजीव । ©samandar Speaks

#sad_dp @Mukesh Poonia @Radhey Ray मनीष शर्मा @Sandeep L Guru @bewakoof

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