Unsplash जीवन में ऐसे लोग मिलेंगे,
बिन कारण तुमसे मुंह मोड़ेंगे।
तुम अगर आगे बढ़ना चाहो,
जैसे अपने ही दुश्मन पालेंगे।
सच-झूठ का मुकुट पहचानो,
रोज धोखे के मंजर दिखेंगे।
विश्वास के पात्र अब कम ही है,
दोस्त बनकर तुमको ही छलेंगे।
इस सफर में अकेले ही चलना,
सच्चाई के चिराग खुद जलेंगे।
©Meenakshi
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