White फिक्र से याद आते हैं कभी एक दिन सुहानी थी क | हिंदी शायरी

"White फिक्र से याद आते हैं कभी एक दिन सुहानी थी कोई तलाश ना थी तारीखें बस बदलती थी हाल कुछ भी हो दिल में कोई मलाल न थी एक रास्ते थे कुछ दोस्त थे दिन वो सुहानी थी फिर हम तलते गये चलते गये मिटती गई निशाना बनती गई कुछ दास्तान आब देखो कितना अकेला है इन्सान ।। ©Tafizul Sambalpuri"

 White फिक्र से याद आते हैं 
कभी एक दिन सुहानी थी
कोई तलाश ना थी 
तारीखें बस बदलती थी 
हाल कुछ भी हो 
दिल में कोई मलाल न थी 
एक रास्ते थे 
कुछ दोस्त थे 
दिन वो सुहानी थी 
फिर हम तलते गये चलते गये 
मिटती गई निशाना 
बनती गई कुछ दास्तान 
आब देखो कितना अकेला है इन्सान ।।

©Tafizul Sambalpuri

White फिक्र से याद आते हैं कभी एक दिन सुहानी थी कोई तलाश ना थी तारीखें बस बदलती थी हाल कुछ भी हो दिल में कोई मलाल न थी एक रास्ते थे कुछ दोस्त थे दिन वो सुहानी थी फिर हम तलते गये चलते गये मिटती गई निशाना बनती गई कुछ दास्तान आब देखो कितना अकेला है इन्सान ।। ©Tafizul Sambalpuri

#sad_qoute शायरी दर्द @Shiv Narayan Saxena Dhyaan mira Vishalkumar "Vishal"

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