पिता या कोई भी हों, मां का अपमान अनादर हम नहीं सहेंगे।
उनका हक है सम्मान गौरव गर्व से जीवन जीने का।
किसी और के लिए न सही लेकिन अपनी मां के लिए हर बच्चें को जागरूक और हिम्मत वाला होना ही होगा ताकि कोई भी उनका अपमान ना कर सकें।
अपने घर की नारी को हम समानता नहीं दे सकते तो किसी और को समनता इज्जत देना हमारे बस का है ही नहीं।
जब हम घर में समानता देना सीखेंगे प्रयास करेंगे तो हमारी हिम्मत नही होगी बाहर भेदभाव करने की, तब हमारा असल विकास होगा और हम इन धर्म जात लिंग से ऊपर उठकर अपना कल्याण कर पाएंगे।
और रही बात आरक्षण भेदभाव की तो उसकी जड़ भी केवल ये सब भेदभाव छुआछूत ही है।
नारी के बिना हमारे घर चलना मुश्किल है उनमें हिम्मत भरो,नई अच्छी बाते तकनीक सिखाओ जब हमारे घर का हर सदस्य आगे बढ़ेगा तो हमारे घर से गरीबी भी कुछ कम हो जायेगी।