ख़्वाबों का मुसाफिर बस चलता रहेता है,
क्यों ख़्वाब बड़े बड़े होते है,
और वो बड़े बड़े ख़्वाब कभी पूरे नहीं होते है,
बस ख़्वाब देखने का सिलसिला चलते रहेता है,
बस चलते रहेता है,हर रोज रात आती है,
फिर वो अपने साथ ख़्वाब भी साथ ले आती है,
अच्छे से सोने का मन है,
मगर ये ख़्वाब है,
कि मानते नहीं है,
बस मुंह उठा कर मुझें परेशान करने चली आती है,
©kishan mahant
#atthetop❤️🩹