पानी की जरूरत ही कहां पड़ती है, कभी–कभी तो आंसुओं | हिंदी शायरी

"पानी की जरूरत ही कहां पड़ती है, कभी–कभी तो आंसुओं से ही चेहरे धुल जाते हैं। ©Deepa Ruwali"

 पानी की जरूरत ही कहां पड़ती है,
 कभी–कभी तो आंसुओं से ही चेहरे धुल जाते हैं।

©Deepa Ruwali

पानी की जरूरत ही कहां पड़ती है, कभी–कभी तो आंसुओं से ही चेहरे धुल जाते हैं। ©Deepa Ruwali

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