White कतकी पूनम की धवल यामिनी कतकी पूनम की धवल या | हिंदी कविता

"White कतकी पूनम की धवल यामिनी कतकी पूनम की धवल यामिनी, नीली चादर पर बिछी चांदनी। शीतल किरणों का मृदुल स्पर्श, करे मन को स्निग्ध अमरता अर्पण। बहे मंद-मंद पवन का गीत, लेकर लहरों का मीठा संगीत। कांपे पत्तों पर चाँदी सी धार, ज्यों थिरके मन का कोई विचार। तारों की मद्धम मुस्कान देख, सुध-बुध भूले नील गगन के मेख। नीरवता बोले नीरव भाषा, रात की गोद में सोये आशा। चमके अम्बर के नील कटोरे, चंदा बरसाए शीतल चंदोरे। कतकी पूनम की यह यामिनी, मधुर रागिनी सी सजी चांदनी। ©samandar Speaks"

 White कतकी पूनम की धवल यामिनी

कतकी पूनम की धवल यामिनी,
नीली चादर पर बिछी चांदनी।
शीतल किरणों का मृदुल स्पर्श,
करे मन को स्निग्ध अमरता अर्पण।

बहे मंद-मंद पवन का गीत,
लेकर लहरों का मीठा संगीत।
कांपे पत्तों पर चाँदी सी धार,
ज्यों थिरके मन का कोई विचार।

तारों की मद्धम मुस्कान देख,
सुध-बुध भूले नील गगन के मेख।
नीरवता बोले नीरव भाषा,
रात की गोद में सोये आशा।

चमके अम्बर के नील कटोरे,
चंदा बरसाए शीतल चंदोरे।
कतकी पूनम की यह यामिनी,
मधुर रागिनी सी सजी चांदनी।

©samandar Speaks

White कतकी पूनम की धवल यामिनी कतकी पूनम की धवल यामिनी, नीली चादर पर बिछी चांदनी। शीतल किरणों का मृदुल स्पर्श, करे मन को स्निग्ध अमरता अर्पण। बहे मंद-मंद पवन का गीत, लेकर लहरों का मीठा संगीत। कांपे पत्तों पर चाँदी सी धार, ज्यों थिरके मन का कोई विचार। तारों की मद्धम मुस्कान देख, सुध-बुध भूले नील गगन के मेख। नीरवता बोले नीरव भाषा, रात की गोद में सोये आशा। चमके अम्बर के नील कटोरे, चंदा बरसाए शीतल चंदोरे। कतकी पूनम की यह यामिनी, मधुर रागिनी सी सजी चांदनी। ©samandar Speaks

#love_shayari @Gautam Kumar @Mukesh Poonia @Radhey Ray खामोशी और दस्तक अंजान

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