(कफस) जब किसी को रुलाया है तो रोना भी पड़ेगा, ज़ | हिंदी शायरी

"(कफस) जब किसी को रुलाया है तो रोना भी पड़ेगा, ज़हर आंसुओ का फ़िर ये पीना भी पड़ेगा! ये खेल है कर्मों का,मत सोच के बच जाऊँगा, जगह उसकी तुझे एक दिन खड़ा होना ही पड़ेगा! ये ज्यादा सोच मत के खुशियां कम नहीं होगी, जो तूने छल से पाया है उसे खोना भी पड़ेगा! फ़रेब से पायी ख़ुशी की उम्र नहीं होती, छल कपट करके एक दिन पछताना पड़ेगा! "परवेज़" तू कौनसा परसा है जंहा में मेरे यारा, हिज्र के कफस में खुद का दिल अब लगाना ही पड़ेगा! ©Written By PammiG"

 (कफस) 

जब किसी को रुलाया है तो रोना भी पड़ेगा,
ज़हर आंसुओ का फ़िर ये पीना भी पड़ेगा!

ये खेल है कर्मों का,मत सोच के बच जाऊँगा,
जगह उसकी तुझे एक दिन खड़ा होना ही पड़ेगा! 

ये ज्यादा सोच मत के खुशियां कम नहीं होगी, 
जो तूने छल से पाया है उसे खोना भी पड़ेगा!

फ़रेब से पायी ख़ुशी की उम्र नहीं होती, 
छल कपट करके एक दिन पछताना पड़ेगा! 

"परवेज़" तू कौनसा परसा है जंहा में मेरे यारा, 
हिज्र के कफस में खुद का दिल अब लगाना ही पड़ेगा!

©Written By PammiG

(कफस) जब किसी को रुलाया है तो रोना भी पड़ेगा, ज़हर आंसुओ का फ़िर ये पीना भी पड़ेगा! ये खेल है कर्मों का,मत सोच के बच जाऊँगा, जगह उसकी तुझे एक दिन खड़ा होना ही पड़ेगा! ये ज्यादा सोच मत के खुशियां कम नहीं होगी, जो तूने छल से पाया है उसे खोना भी पड़ेगा! फ़रेब से पायी ख़ुशी की उम्र नहीं होती, छल कपट करके एक दिन पछताना पड़ेगा! "परवेज़" तू कौनसा परसा है जंहा में मेरे यारा, हिज्र के कफस में खुद का दिल अब लगाना ही पड़ेगा! ©Written By PammiG

#Kafas
@Ambika Jha @Saleem @p j

People who shared love close

More like this

Trending Topic