White चाहे वह हम उम्र हो या फिर छोटे या बड़े बच्च | English Love

"White चाहे वह हम उम्र हो या फिर छोटे या बड़े बच्चे मोहल्ले में सभी एक समान थे,सब के साथ bhaeeyapa था... बात करूंगी पिकनिक की हमारी पिकनिक ,😁 दिवाली के बाद की पिकनिक ,💞अब ये दिवाली के बाद पिकनिक क्यों,??😁 क्योंकि हमें कुछ मिट्टी के बर्तन मिल जाते थे और हम उसमें बड़े चाव से अपनी छोटी सी पिकनिक मनाते, न न,कोई ताम झाम नहीं बस कोई दाल ले आया और कोई चावल कोई अपने घर से दो आलू चुरा के ले आता और हम अधिनिर्णीत बने मकान में लकड़ी और ईंटों का जुगाड़ कर एक चूल्हा बना देते और इसी चूल्हे में अधपके चावल, दाल और आलू का चोखा खाकर हम बड़े खुश हो जाते पास पड़े पत्ते ही हमारा थाल बनते♥️ वो बचपन... उफ्फ🥺 ©divya Sharma"

 White  चाहे वह हम उम्र हो या फिर छोटे या बड़े बच्चे मोहल्ले में सभी एक समान थे,सब के साथ bhaeeyapa था... बात करूंगी पिकनिक की हमारी पिकनिक ,😁 दिवाली के बाद की पिकनिक ,💞अब ये दिवाली के बाद पिकनिक क्यों,??😁 क्योंकि हमें कुछ मिट्टी के बर्तन मिल जाते थे और हम उसमें बड़े चाव से अपनी छोटी सी पिकनिक मनाते,
न न,कोई ताम  झाम  नहीं  
बस कोई दाल ले आया और कोई चावल कोई अपने घर से दो आलू चुरा के ले  आता 
और हम अधिनिर्णीत बने मकान में लकड़ी और ईंटों का जुगाड़ कर एक चूल्हा बना देते और इसी  चूल्हे में अधपके चावल, दाल और आलू का चोखा खाकर हम बड़े खुश हो जाते
पास पड़े पत्ते ही हमारा  थाल बनते♥️
वो बचपन...
उफ्फ🥺

©divya Sharma

White चाहे वह हम उम्र हो या फिर छोटे या बड़े बच्चे मोहल्ले में सभी एक समान थे,सब के साथ bhaeeyapa था... बात करूंगी पिकनिक की हमारी पिकनिक ,😁 दिवाली के बाद की पिकनिक ,💞अब ये दिवाली के बाद पिकनिक क्यों,??😁 क्योंकि हमें कुछ मिट्टी के बर्तन मिल जाते थे और हम उसमें बड़े चाव से अपनी छोटी सी पिकनिक मनाते, न न,कोई ताम झाम नहीं बस कोई दाल ले आया और कोई चावल कोई अपने घर से दो आलू चुरा के ले आता और हम अधिनिर्णीत बने मकान में लकड़ी और ईंटों का जुगाड़ कर एक चूल्हा बना देते और इसी चूल्हे में अधपके चावल, दाल और आलू का चोखा खाकर हम बड़े खुश हो जाते पास पड़े पत्ते ही हमारा थाल बनते♥️ वो बचपन... उफ्फ🥺 ©divya Sharma

#संस्मरण

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