"आज भी गुज़रे वक्त को याद करता हूँ
इस वक्त आने वालें कल का फरियाद करता हूँ
मैं नाचीज़ ! कमीना इतना बड़ा हूँ ना कि
नफरतों से ही चाहत हर मर्तबा बेशुमार करता हूँ !
- ईशांत मोदी"
आज भी गुज़रे वक्त को याद करता हूँ
इस वक्त आने वालें कल का फरियाद करता हूँ
मैं नाचीज़ ! कमीना इतना बड़ा हूँ ना कि
नफरतों से ही चाहत हर मर्तबा बेशुमार करता हूँ !
- ईशांत मोदी