हमने भी दोस्ती कि है आंसु ओ से छिपकर हर रोज मिलत | हिंदी कविता

"हमने भी दोस्ती कि है आंसु ओ से छिपकर हर रोज मिलते है अंधेरों मैं.... ©SUREKHA THORAT"

 हमने भी दोस्ती कि है
आंसु ओ से 

छिपकर हर रोज मिलते है 
अंधेरों मैं....

©SUREKHA THORAT

हमने भी दोस्ती कि है आंसु ओ से छिपकर हर रोज मिलते है अंधेरों मैं.... ©SUREKHA THORAT

#Language_of_tears

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