White हमने कब चाहा था नूपुर घन सघन बजे जब कोई रस ना था जब भी तृषा ना बड़ी बस अनंत एक समतल था जहाँ मौन मुझे घेरे खड़ा और प्रीत दूजा कौन था करुणा अंबर फाड़ बरसती शून्य में फैला यही अनंत था ©Kavitri mantasha sultanpuri #hmne_kab_chaha_tha #KavitriMantashaSultanpuri #hindikavita #sadpoetry Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto