#विश्वहिंदीदिवस हिंदी मेरी है, तेरी है;
हिंदी हमारी है, हमसबों की है।
क्यों उसके पीछे पागल बने फिरते हो
जो अंग्रेजी न तो तेरी और न हीं मेरी है?
वह भाषा तो बस परायी है।
यह बात तुम्हारी समझ में क्यों नहीं आ रही है?
— रत्नेश
©RATNESH KUMAR
#विश्व_हिंदी_दिवस