किनारे पे मैं बैठा हूँ, तुम्हे मिलने की आशा है मैं | English Shayari V

किनारे पे मैं बैठा हूँ,
तुम्हे मिलने की आशा है
मैं लहरों में तुम्हे ढूँढू,
कि बह जाने की आशा है
मुझे मल्लाह ,बना दो तुम
कि संग गोते लगाऊंगा
मज़ा लहरों के मिलने का,
समंदर में ही आता है🖤

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