वक़्त किसी के लिए नहीं रुकता, बात हो मन में अगर कोई | हिंदी Shayari

"वक़्त किसी के लिए नहीं रुकता, बात हो मन में अगर कोई आंखें रात भर पलके झपकती है। टूटी फूटी नींद लिए सुबह-सुबह आंख उम्मीद की खुलती है। दिन तो बीत जाता है बस काम में न जाने कब श्याम ढलती है। किसे बताएं, किसे सुनाएं और किसे न जाने क्या समझाएं शायद दुनिया और जिंदगी लगभग इसी पे चलती है। दीवार से वो एक लटकि अजीवित घड़ी, घड़ी-घड़ी समय बदलती है। ©MRunAL Lyrics of my soul"

 वक़्त किसी के लिए नहीं रुकता, बात हो मन में अगर कोई आंखें रात भर पलके झपकती है।

टूटी फूटी नींद लिए सुबह-सुबह आंख उम्मीद की खुलती है।

दिन तो बीत जाता है बस काम में न जाने कब श्याम ढलती है।

किसे बताएं, किसे सुनाएं और किसे न जाने क्या समझाएं
शायद दुनिया और जिंदगी लगभग इसी पे चलती है।

दीवार से वो एक लटकि अजीवित घड़ी, 
घड़ी-घड़ी समय बदलती है।

©MRunAL Lyrics of my soul

वक़्त किसी के लिए नहीं रुकता, बात हो मन में अगर कोई आंखें रात भर पलके झपकती है। टूटी फूटी नींद लिए सुबह-सुबह आंख उम्मीद की खुलती है। दिन तो बीत जाता है बस काम में न जाने कब श्याम ढलती है। किसे बताएं, किसे सुनाएं और किसे न जाने क्या समझाएं शायद दुनिया और जिंदगी लगभग इसी पे चलती है। दीवार से वो एक लटकि अजीवित घड़ी, घड़ी-घड़ी समय बदलती है। ©MRunAL Lyrics of my soul

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