ढूँढता फिरू मैं जो शख्शियत, वो शख्श कहीं मिला ही नहीं। अब क्या करूँ मैं इन निग़ाहों का, जिन्हें....आईने में झाँकना कभी सूझा ही नहीं। ©Dr Jyotirmayee Patel Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto