प्रिये दादा जी सहजता थी, सादगी थी, प्यार और दोस्त | हिंदी शायरी

"प्रिये दादा जी सहजता थी, सादगी थी, प्यार और दोस्ती थी, जब ये व्हाट्सएप्प फेसबुक और इंस्टाग्राम नहीं था तब असल जिंदगी थी ।। ©KHYALI JOSHI"

 प्रिये दादा जी  सहजता थी, सादगी थी, प्यार और दोस्ती थी,
जब ये व्हाट्सएप्प फेसबुक और इंस्टाग्राम नहीं था तब असल जिंदगी थी ।।

©KHYALI JOSHI

प्रिये दादा जी सहजता थी, सादगी थी, प्यार और दोस्ती थी, जब ये व्हाट्सएप्प फेसबुक और इंस्टाग्राम नहीं था तब असल जिंदगी थी ।। ©KHYALI JOSHI

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