सपनों का सच
राजू एक छोटा सा लड़का था, जो एक छोटे से गाँव में रहता था। वह हमेशा अपने सपनों के बारे में सोचता रहता था। उसका सपना था कि वह एक दिन बड़ा आदमी बनेगा, जैसे उसके गाँव के कुछ लोग जो शहर में काम करते थे। राजू के पास कोई खास संसाधन नहीं था, लेकिन उसकी मेहनत और लगन उसे कभी भी निराश नहीं करती थी।
एक दिन राजू ने गाँव के स्कूल के पास एक पोस्टर देखा। पोस्टर में लिखा था, "जो भी मेहनत करेगा, उसे मिलेगा उसका वांछित सपना।" यह पढ़कर राजू के मन में नई उम्मीद जागी। उसने ठान लिया कि वह भी कुछ बड़ा करेगा।
राजू ने अपनी पढ़ाई में पूरी तरह से ध्यान लगाना शुरू किया। वह दिन-रात मेहनत करता, कभी भी थकता नहीं था। गाँव के लोग उसका मजाक उड़ाते थे, लेकिन वह अपनी राह पर चलता रहा।
एक दिन, गाँव के स्कूल में एक बड़ा परीक्षा हुआ। राजू ने पूरी मेहनत से तैयारी की थी। जब परिणाम आया, तो राजू का नाम सबसे ऊपर था। अब वह गाँव का सबसे अच्छा छात्र बन चुका था। उसके बाद, उसने शहर में अच्छे स्कूल में दाखिला लिया और फिर धीरे-धीरे वह एक बड़ा डॉक्टर बन गया।
राजू का सपना सच हो गया, क्योंकि उसने कभी हार नहीं मानी थी और अपनी मेहनत से उसे प्राप्त किया था। उसकी कहानी अब गाँव के बच्चों के लिए प्रेरणा बन गई।
समाप्त
©Pooja
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