White क्या ज़रूरी है मुहब्बत में तमाशा होना जिससे | हिंदी शायरी

"White क्या ज़रूरी है मुहब्बत में तमाशा होना जिससे मिलना ही नहीं उससे जुदा क्या होना ज़िंदा होना तो नहीं हिज्र में ज़िंदा होना हम इसे कहते हैं होने के अलावा होना तेरा सूरज के क़बीले से त'अल्लुक़ तो नहीं ये कहाँ से तुझे आया है सभी का होना तूने आने में बहुत देर लगा दी वरना मैं नहीं चाहता था हिज्र में बूढ़ा होना क्या तमाशा है कि सब मुझको बुरा कहते हैं और सब चाहते हैं मेरी तरह का होना - Abbas Tabish ©Er Aryan Tiwari"

 White क्या ज़रूरी है मुहब्बत में तमाशा होना
जिससे मिलना ही नहीं उससे जुदा क्या होना

ज़िंदा होना तो नहीं हिज्र में ज़िंदा होना
हम इसे कहते हैं होने के अलावा होना

तेरा सूरज के क़बीले से त'अल्लुक़ तो नहीं
ये कहाँ से तुझे आया है सभी का होना

तूने आने में बहुत देर लगा दी वरना
मैं नहीं चाहता था हिज्र में बूढ़ा होना

क्या तमाशा है कि सब मुझको बुरा कहते हैं
और सब चाहते हैं मेरी तरह का होना
  - Abbas Tabish

©Er Aryan Tiwari

White क्या ज़रूरी है मुहब्बत में तमाशा होना जिससे मिलना ही नहीं उससे जुदा क्या होना ज़िंदा होना तो नहीं हिज्र में ज़िंदा होना हम इसे कहते हैं होने के अलावा होना तेरा सूरज के क़बीले से त'अल्लुक़ तो नहीं ये कहाँ से तुझे आया है सभी का होना तूने आने में बहुत देर लगा दी वरना मैं नहीं चाहता था हिज्र में बूढ़ा होना क्या तमाशा है कि सब मुझको बुरा कहते हैं और सब चाहते हैं मेरी तरह का होना - Abbas Tabish ©Er Aryan Tiwari

#Sad_Status @Sircastic Saurabh शायरी दर्द

People who shared love close

More like this

Trending Topic