कितने इन्तिज़ार के बाद ये बरसात होती है,
किसी की साथी के साथ तो किसी कि तन्हा रात होती है,
देखता हूँ जब जब अपनी बालकनी से लोगो को बरसात मे,
ना जाने क्यों तुम्हारी याद साथ होती है,,
युही मिले थे हम बरसात के दिनों मे पहली दफा,,
पर अब इस आलम मे एक चाय का कप और बीते लम्हो कि याद होती है,,
कितने इन्तिज़ार के बाद ये बरसात होती है.....
©Yatin
कितने इन्तिज़ार के बाद ये बरसात होती है....
#lovebreakup #BaarishWaliYaad