तुम बादलों में छिपे रहें
हम तुम्हें ज़मीं पे ढूंढ़ते रहें.
तुम खामोश थे हम बतियाते रहें
तुम अनंत थे और हम
वादों की डोर में बांधे रहें
हमनें चाहीथी मुकम्मल चाहत
और तुम तड़पता छोड़ गए
बहुत कूछ अल्फाज़ो में उलज़
गया और तुम रूठ के चल दिए
तुम नें अलविदा कहाँ और
हम इंतज़ार करते रहें
💔🖤🖤💔l
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#@तड़प