तुम्हें ढूँढा बहोत था हमने पर तुम चली गई
हम तारीख़ों मे तुम्हें ढूंढते थे तारीखें चली गई
हाथो की लकीरों मे ढूंढते थे लकीरें चली गई
तुम्हें ढूँढा बहोत था हमने पर तुम चली गई
हम रास्ते पर ढूँढा था तुम्हें वो गलियाँ चली गई
सब पीछे छोड़कर आए थे वो तारीख चली गई
तुम्हें ढूँढा बहोत था हमने पर तुम चली गई
खुदा के घर पर गए थे खुदा की खुदाई चली गई
रहम तो आया होंगा हम पर रहमदिली चली गई
तुम्हें ढूँढा बहोत था हमने पर तुम चली गई
हमारे प्यारों के आँखों में नमी थी नमी चली गई
तुम्हें ढूँढा बहोत था हमने पर तुम चली गली
©Mr Parikh Maulik
#rain