सहरा में मिला ...बूंद थी तो क्या ,जल है तो सही
मुद्दतो की दुआ...देर थी तो क्या,क़बूल है तो सही
लाख थे ख्यालात..लाख बाते भी थी...
एक मुलाकात की दरकार थी..मुलाकात हुई तो सही
अनजान मंजिले थी, अनजान भी था सफर
सफ़र में थी थकन .. थकन में मगन ,हुई तो सही
आरजू थी बहुत ...वो मिले सरेराह
कुछ पल ही सही..वो मिले तो सही...💕✍️
©नितिन "निसार"
#WinterFog