#Pehlealfaaz मेरे पहले अल्फाज़ो की तो बात पुरानी है,
जैसे गंगा में बहता कभी वो निर्मल पानी हो,
वो मिलता था रोज एक मोड़ पर खड़ा,
लिए हाथो में कुछ किताबें ,औऱ आंखों मे कुछ राज,
खबर तो मुझे भी थी ,उन अनकहे लफ्जो की थोड़ी ,
पर ना जाने दिल बस कानों पे, ही भरोसा करना चाहता था,
आँखों की शरारत को ,लफ्जो मे सुनना चाहता था,
बस इसी हसरत में पल गुजरे , दिन गुजरे , फिर साल गुजर गए,
आज भी मैं उसको अपने साथ लिए चलती हूं,
जैसे मेरे हर अल्फाजो में सिर्फ़ तू ही तू.
#Pehlealfaaz #pen #poems #nojoto #inspirations