White संयोग की साजिश नहीं,
ये है मेरे कर्म की चाल,
हर दास्तां में बयां हुआ, मेरा ही हाल।
जो गलत हुआ,
उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई कसूर,
सारी ज़िम्मेदारी लेता हूं मैं अपने सर,
चाहे हो आकाश या धरती का दूर।
जो गलती हुईं,
वो अक्स थी मेरी ही रचना की,
पर जो कुछ मिला अच्छा,
वो है सिर्फ छाया किस्मत की।।
©नवनीत ठाकुर
#नवनीतठाकुर
संयोग की साजिश नहीं, ये है मेरे कर्म की चाल,
हर दास्तां में बयां हुआ मेरा ही हाल।
जो गलत हुआ, उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई कसूर,
सारी ज़िम्मेदारी लेता हूं मैं अपने सर, चाहे हो आकाश या धरती का दूर।
जो गलती हुईं, वो अक्स थी मेरी ही रचना की,
जो कुछ मिला अच्छा, वो है सिर्फ छाया किस्मत की।"