a-person-standing-on-a-beach-at-sunset उलझन सी होने लगती थी मुझ को अक्सर और वो यूँ
मेरा मिज़ाज-ए-इश्क़ था शहरी उस की वफ़ा दहक़ानी थी
अब तो उस के बारे में तुम जो चाहो वो कह डालो
वो अंगड़ाई मेरे कमरे तक तो बड़ी रूहानी थी
©RJ VAIRAGYA
#rjharshsharma #rjvairagyasharma
❤️उलझन सी होने लगती थी मुझ को अक्सर और वो यूँमेरा मिज़ाज-ए-इश्क़ था शहरी उस की वफ़ा दहक़ानी थी
अब तो उस के बारे में तुम जो चाहो वो कह डालो
वो अंगड़ाई मेरे कमरे तक तो बड़ी रूहानी थी❤️