Unsplash पल्लव की डायरी
नजाकत खोट दिलो मे डाल रही है
सोहरत की गारंटी लेकर
मोहब्बते अब दौलतों में नहा रही है
थम गया इश्क का पागलपन
नजरिया दिलो का बदल रहा है
महंगा हो गया दिल लगाना
गरीबो पर सितम प्यार ढहा रहा है
दिल भर जाने पर
हर्जाना करोड़ो पर जा रहा है
मालामाल हो चला इश्क
बाजारबाद के इस दौर में
चोट सच्चा प्यार खा रहा है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#lovelife चोट सच्चा प्यार खा रहा है