साँझ सांझ ढलते ही एक उम्मीद जागती हे, उसको ख्बावो | हिंदी Love

"साँझ सांझ ढलते ही एक उम्मीद जागती हे, उसको ख्बावो मे देखने की , ओर फिर सुकून मिलता हे,"

 साँझ सांझ ढलते ही एक उम्मीद जागती हे,
उसको ख्बावो मे देखने की ,
ओर फिर सुकून मिलता हे,

साँझ सांझ ढलते ही एक उम्मीद जागती हे, उसको ख्बावो मे देखने की , ओर फिर सुकून मिलता हे,

#सांझ #yoishuboy #nojoto #Hindi

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