मतलब के लिए मीठा बनना नहीं आता है तुझ-सा ये हुनर | हिंदी शायरी Video

"मतलब के लिए मीठा बनना नहीं आता है तुझ-सा ये हुनर मुझको दुनिया नहीं आता है आज़ाद-सा इक दरिया मैं ख़ुद को समझता हूँ मुझको किसी सागर में मिलना नहीं आता है ©G. K. Sharma "

मतलब के लिए मीठा बनना नहीं आता है तुझ-सा ये हुनर मुझको दुनिया नहीं आता है आज़ाद-सा इक दरिया मैं ख़ुद को समझता हूँ मुझको किसी सागर में मिलना नहीं आता है ©G. K. Sharma

# मन के दो मौसम

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